TPA in Health Insurance

Health Insurance या Mediclaim Policy में टीपीए क्या है?

कभी आपके परिवार में किसी प्रियजन कोआपातकालीन स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति का सामना करना पड़ा? हालांकि सुनने में कड़वा जरूर है, लेकिन यह हमारे जीवन की सच्चाई है। आकस्मिक घटनाओं या दुर्घटनाओं के समय जिन्हें तत्काल अस्पताल में देखभाल की आवश्यकता होती है, हम सभी चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल में दौड़ पड़ते हैं। जिनके पास Health Insurance या Mediclaim Policy है वे थोड़ी सांस ले सकते हैं लेकिन जिनके पास नहीं है उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।

हमारे पास Health Insurance या Mediclaim Policy खरीदने के लिए बीमा कंपनियां हैं। लेकिन हमारे पास स्वास्थ्य बीमा दावों से संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए एक TPA यानी Third Party Administrator है। जैसे ही किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, उसकी सूचना TPA को दी जाती है।

यह TPA क्या है?

TPA Insurance Companies और Policy Holders के बीच एक Mediator है। उनका काम स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के तहत दावा प्रक्रिया को सरल बनाना है।

TPA or Third Party Administrator एक Company or Service Provider है जो Health Insurance या Mediclaim Policy के तहत स्वीकार्य Insurance Claims को Process करता है। सामान्य तौर पर, ये TPA बीमा नियामक IRDAI द्वारा लाइसेंस होते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में, Insurance Companies की संख्या, Insurance Policies, Mediclaim Policies और Clients में काफी अनुपात में वृद्धि हुई है। अंततः, काम का Track रखना मुश्किल हो गया जिसके परिणामस्वरूप Services अच्छी नहीं मिल रहीं। इसलिए, IRDA TPA के साथ आया। तब से, एक TPA को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है जो Insurance Companies के साथ मिलकर Clients को High Quality and बड़े पैमाने पर Claims Processing Services देते हैं।

Importance of a TPA

एक TPA अस्पताल के बिलों और अन्य खर्चों का ध्यान रखेगा। जब आप परिवार के किसी सदस्य या मित्र की बीमारी से परेशान हैं, तो आप बस उनकी देखभाल कर सकते हैं। शेष TPA द्वारा Take Care किया जाएगा।

प्रत्येक बीमा कंपनी आपकी सेवा के लिए एक TPA नियुक्त करती है। एक TPA या तो Cashless Claim Settlement को मंजूरी दे सकता है या बाद में इसकी Reimbursement कर सकता है।

TPA के मुख्य कार्य

TPA बीमित व्यक्ति को Health Card जारी करता है और Policy Holder को जारी की गई प्रत्येक पॉलिसी को Verify करता है। TPA Health Card भी जारी करता है । इस कार्ड में Policy Number और TPA का विवरण होता है जिसे Hospital में प्रवेश के समय, Policy Holder इस कार्ड को Hospital को प्रस्तुत कर सकता है और Insurance Company या TPA को Claim होने की सूचना दे सकता है। यह Claim Processing के लिए आवश्यक दस्तावेजों में से एक है।

Cashless Claim Processing

TPA Policy Holder द्वारा सूचित किए जाने के तुरंत बाद Claim में तेजी लाने के लिए जिम्मेदार होता है। उनका काम दावे के पक्ष में जमा किए गए सभी Documents की जांच करना है। यह विवरणों को Cross Check करने के लिए जितनी आवश्यक हो उतनी जानकारी मांग सकता है। दावे का निपटान या तो कैशलेस या प्रतिपूर्ति के आधार पर होगा।

जो भी मामला हो, एक टीपीए सभी Documents की जांच के लिए उत्तरदायी होगा। Cashless के मामले में, TPA Hospital से भी Documents Collect or Verify कर सकता है। अन्य मामलों में, TPA Policy Holder से Additional Documentsऔर Original Bill मांग सकता है।

Helpline Facility

सभी Policy Holder अपने TPA को कॉल करने के Claims के लिए जानकारी और अन्य Helps प्राप्त कर सकते हैं। यह Facility Policy Holder के लिए 24X7 उपलब्ध है और इसे भारत में कहीं से भी कॉल किया जा सकता है। Policy Holder अपने Claims की स्थिति टोल-फ्री नंबर के माध्यम से भी जान सकते हैं।

Maintaining of Database

TPA Clients Database को बनाए रखने में भी मदद करता है। पॉलिसी जारी होने के बाद, सभी Policy Documents को TPA को स्थानांतरित कर दिया जाता है और Policy Holder के सभी Communications TPA के साथ होते हैं, Insurance Company के साथ नहीं। TPA Policy Holder के Policy Documents को Maintain करता है और विशिष्ट पहचान संख्या के साथ एक पहचान पत्र or Health Card जारी करता है।

TPA Hospital Network को भी मजबूत करता है

Mediclaim Policy का लाभ लेने के लिए TPA बहुत ही आवश्यक है। यह Hospitals का एक मजबूत Network भी बनाता है जहां Policy Holders इलाज करवा सकते हैं। TPA सबसे अच्छे Hospitals को सूचीबद्ध करने की कोशिश करता है जो जल्दी से Cashless की Facility दे सकते हैं।


ऐसे ही अन्य जानकारियों के लिए, Health Policy लेने के लिए आप हमें Comments कर सकते हैं, Email कर सकते हैं (nareshkumaruiic@gmail.com).

Fire Insurance क्या है?

What is Fire Insurance?

Fire Insurance एक प्रकार का Insurance है जो Policy Holder की Property, House या घर में आग लगने से हुए नुकसान की भरपाई करता है।

इस Policy में Insurance Company Property या House में आग लगने के कारण हुए नुकसान पर एक निश्चित राशि का भुगतान करता है Fire Insurance House, Shop, Business Factory, Building आदि के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आग के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई करता है, विशेष रूप से Industrial Unit, factory आदि में, जहां आग के Chances बहुत अधिक हैं। यह Policy Property की कीमत भी प्रदान करती है, जो Fire के कारण Damage हो जाती हैं। इस Policy में महत्वपूर्ण बात यह है कि Sudden Fire या Accidental Fire होना चाहिए। Property Loss का कारण आग होना चाहिए. खुद आग लगाने के Case में यह Policy नुकसान की भरपाई नहीं करेगी।

Type of Fire Insurance:

Fire Insurance में विभिन्न प्रकार की Policies हैं, कोई भी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार Fire Insurance Policy चुन सकता है।

1. Valued Policy:

इस Policy में, Insurance Company Policy Holder को एक Fix Amount का भुगतान करने के लिए सहमत होती है। Policy Holder और Insurance Company के बीच पहले से ही विषय वस्तु के Amount पर सहमति है। Valued Policies Mostly कला, चित्र, मूर्तियां और अन्य ऐसी चीजों पर जारी की जाती हैं जिनका मूल्य आसानी से निर्धारित नहीं किया जा सकता है। हालांकि, एक Valued Policy के तहत देय राशि वास्तविक संपत्ति मूल्य से अधिक या कम हो सकती है।

2. Specific Policy:

यह Policy उस राशि तक भुगतान करती है जिसका Insurance किया जाता है। Fire के नुकसान के मामले में, Insurance Company उस नुकसान के लिए भुगतान करती है जो Specific Amount से कम या Sum Insured तक है। मान लीजिए 1,00,000 रुपये की Value की Property को Cover करने के लिए Policy ली जाती है। जब 60,000 रुपये तक की संपत्ति का नुकसान होता है तब 60,000 रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा। लेकिन, अगर नुकसान 1,00,000 रुपये से अधिक है तब Insurance Company Sum Insured तक का भुगतान ही करेगी।

3. Average Policy :

यह Policy जब एक Average Clause पर लागू होता है, तो इसे Average Policy कहा जाता है। इस का उपयोग Policy Holder को संपत्ति / Property के वास्तविक मूल्य से कम राशि (Under Insurance) के साथ पॉलिसी लेने के लिए दंडित करने के लिए किया जाता है। Policy का मूल्य बीमित संपत्ति से कम होने की स्थिति में मुआवजे की राशि Average रूप से कम हो जाती है। मान लीजिए कि आपके पास रुपये 2,00,000 का Fire Insurance है जबकि संपत्ति का मूल्य रु 3,00,000 है। आग लगने की स्थिति में रु. 15,00,000 का नुकसान होने पर Insurance Company आपको रु. 10,00,000 का भुगतान ही करेगी (2,00,000/3,00,000 x 15,00,000) 15,00,000 रुपये का नहीं। यह Policy, Policy Holder को कम मूल्य वाली पॉलिसी लेने के लिए दण्डित करता है।

4. Floating Policy:

Floating Policy में आग के नुकसान के खिलाफ विभिन्न स्थानों / स्थानों पर स्थित Property शामिल है। ऐसी Policy आमतौर पर एक Businessman/Shopkeeper/Manufacturer द्वारा ली जाती है जिसका माल Godown/Shop/Factory आदि में Store किया जाता है।

5. Comprehensive Policy:

एक Comprehensive Policy को एक ऐसी Policy के रूप में जाना जाता है जिसमें कई तरह के Risk जैसे आग/Fire, हड़ताल/Strike, युद्ध/War, लूट/Burglary आदि से होने वाले नुकसान शामिल होते हैं।

6. Replacement Policy:

इस Fire Policy में, Insurance Company Damage, क्षतिग्रस्त या नष्ट की गई संपत्ति के Replacement की लागत का भुगतान करने का वचन देता है। Insurance Company नकद में भुगतान करने के बजाय संपत्ति को Replace कर सकता है। हालांकि, नई संपत्ति उसी के समान होनी चाहिए जो Damage हुई है।

Fire Insurance Coverage के कुछ General Coverage नीचे दिए गए हैं-

  • Lightening
  • Explosion/Implosion
  • Storm, Typhoon, Hurricane, Tornado, Flood and Inundation
  • Riots, STrike, Malicious Damage, Aircraft Damage
  • Missile Testing Operations
  • Impact Damage
  • Bursting and Overflowing of Water Tanks, Apparatus and Pipes
  • Subsidence and Landslide Including Rockslide
  • Bush Fire
  • Leakage from Automatic Sprinkler Installation

Fire Insurance कई कारकों पर निर्भर करता है जिसमें संपत्ति का वातावरण और परिवेश, Sum Insured और Property के साथ उपलब्ध परिचालन सुरक्षा सावधानियां शामिल हैं। भले ही अधिकांश Insurance Company आग के खिलाफ Coverage प्रदान करती हैं, लेकिन हर Insurance Company की Policy अलग हो सकती है। इसलिए, Policy खरीदने से पहले नियम और शर्तों (Terms & Conditions) को ध्यान से पढ़ें।.

Fire Insurance what is Fire Insurance Float Fire Policy Blogboard.in pryas.wordpress.com Valued Fire Policy Specific Fire Policy Average Fire Policy Floating Policy Comprehensive Fire Policy Replacement Fire Policy

Doubts on Motor Insurance Policy

Motor Insurance के Doubts

हमें नयी मोटर पालिसी खरीदनी हो या हमारी पहले से ही कोई मोटर पालिसी चल रही हो, जब तक हम इस पालिसी को अच्छे से नहीं समझ लेंगे तब तक हम इसका पूरा लाभ नहीं ले पाएंगे।

हम यहाँ कुछ प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं जिनको पढ़ने के बाद आपके काफी सारे Doubts Clear हो जाएंग।

1. What is Third Party Insurance Cover :

यह Policy आपके वाहन द्वारा किसी तीसरे पक्ष को होने वाली किसी भी शारीरिक या संपत्ति क्षति के मामले में आपकी कानूनी देयता को Cover करती है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, प्रत्येक वाहन मालिक को Third Party Insurance लेना अनिवार्य है।

2. What is Comprehensive Insurance?

तीसरे पक्ष की देनदारी के अलावा, Comprehensive Insurance आपके वाहन को चोरी, तोड़फोड़ और आग से होने वाले नुकसान का भुगतान करती है। यदि आपकी Car या Bike को प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं जैसे Flood, Cyclones, Earthquakes, Riots आदि के कारण कोई नुकसान या क्षति होती है, तो यह आपको कवर करता है और आपके नुकसान की भरपाई करता है।

3. Cashless Claim क्या है और मैं इसका Benefit कहां उठा सकता हूं?

Cashless Claim Insurance Company द्वारा अपने Clients को दी जाने वाली एक Facility है। यदि आपके वाहन को कोई नुकसान या क्षति (Loss) होती है और Policy के तहत Cover किया जाता है, तो आपको Repair के लिए अपनी जेब से भुगतान करने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह सुविधा Insurance Company के किसी भी Network Garage में प्राप्त की जा सकती है जिससे Insurance Company का Tie-up है। हालांकि, यदि आप Non-Network Garage में जाते हैं, तो आपको Repair का खर्च खुद वहन करना होगा और फिर उस राशि को प्राप्त करने के लिए Reimbursement का दावा करना होगा।

4. मोटर बीमा में Recommended Add-On Cover क्या हैं?

एक Comprehensive Insurance Policy के लिए आप Zero Dep./Nil Dep., Engine Protection Cover, Key Loss Cover, Return to Invoice जैसे Cover जोड़ सकते हैं। ये सब सुविधाएं Extra Premium देने पर ही प्राप्त की जा सकती है।

5. No Claim Bonus (NCB) क्या है?

इसके बारे में हम सबने जरूर सुना होग। No Claim Bonus Policy के पिछले वर्षों में कोई Claim नहीं करने के लिए Insurance Company द्वारा गाड़ी के मालिक को दिया जाने वाला इनाम है। यह इनाम Payable Premium पर Discount है और Insurance Company के आधार पर 20-50% तक होता है। यहां तक ​​कि अगर आपकी Policy की समय सीमा समाप्त हो गई है, तो भी आप NCB के लिए पात्र हैं, इसके लिए आपको पालिसी को 90 दिनों के अंदर Renew करवाना होगा।

6. मेरी Insurance Policy को Online Renew करने की प्रक्रिया क्या है?

Insurance Policy को Online Renew करना कुछ ही मिनटों की बात है। बस इन Steps का पालन करें:

– Insurance Company की Website पर Register/Login करें
– Renewal Form में अपनी कार या बाइक की जानकारी भरें
– Premium Quotation Receive करें और Online Payment करें।

Insurance Company द्वारा Policy की एक Soft Copy आपको तुरंत मेल कर दी जाएगी।

7. क्या होगा यदि दुर्घटना के समय मेरा वाहन कोई और चला रहा हो?

आपकी Motor Insurance Policy आपकी गाड़ी को कवर करती है। यदि आपका वाहन आपकी अनुमति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा है, तब भी Insurance Company Sum Insured तक के नुकसान के लिए Claim Payment करने के लिए उत्तरदायी है बशर्ते चालक के पास वैध Driving Licence होना चाहिए।

8. किन परिस्थितियों में मेरा Claim Reject किया जा सकता है?

आपका दावा निम्नलिखित परिस्थितियों में Reject किया जा सकता है:
– यदि आप लापरवाही से या शराब या नशीली दवाओं के प्रभाव में गाड़ी चला रहे थे
– यदि आपने किसी निश्चित अवधि के लिए Insurance Policy की बीमा राशि समाप्त कर दी है
– यदि आपकी Policy Expire हो चुकी है।

9. Claim Settlement में कितना समय लगता है?

एक बार जब आप Insurance Company को सूचित कर देते हैं, तो आपको एक Claim No. प्रदान किया जाएगा। Required Documents जमा करने पर, आपके Claim को Policy के नियम और शर्तों के अनुसार एक निश्चित समय के भीतर Settle किया जाएगा।

10. Compulsory Owner/Driver PA Cover क्या होता है?

एक व्यक्तिगत दुर्घटना या PA Cover एक कार के मालिक को Insurance Company द्वारा दी जाने वाली एक Coverage है जो उसे किसी भी शारीरिक चोट, स्थायी विकलांगता या दुर्घटना के बाद मृत्यु होने की स्थिति में Claim प्रदान करता है। कार के मालिक के पास Valid Driving License होना चाहिए। Currently, सभी Car Owners को IRDAI द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 15 लाख रुपये का PA Cover दिया जाता है।

यदि Insurance Company Claim Settle करने में आनाकानी करे ?

यदि Insurance Company Claim Settle करने में आनाकानी करे अथवा ज्यादा समय लगाए तो आप अपनी पालिसी में दिए गए फोन अथवा ईमेल पर इनकी शिकायत कर सकते हैं।

इस बारे में Free Legal Advise के लिए हमें कमेंट या Email कर सकते हैं।
Our Email ID is : advnaresh@gmail.com

Motor Insurance Doubts | Insurance Doubts | Third Party Insurance | BlogBoard | Pryas | Car Insurance Doubts | Owner Driver PA Policy

What is Motor Third Party Insurance?

Motor Third Party Insurance क्या है?

Third Party Insurance मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार सभी वाहन मालिकों के लिए कानून जरूरी है।

Generally Insurance में दो पार्टी होती हैं। पहली तो होती है आपकी Insurance Company और दुसरे होते हैं आप और हम यानि Policy Holder. इन दोनों पक्षों को छोड़कर किसी और व्यक्ति अर्थात तीसरे पक्ष को गाड़ी अथवा वाहन से शारीरिक नुकसान अथवा उसकी संपत्ति का नुकसान होने की स्थिति में यह Third Party Insurance मुआवज़ा देती है और Policy Holder को होने वाले Financial Loss को ये Policy Cover करती है।

Claim का निपटारा कैसे होता है?

इसमें जब क्लेम आता है तो Insurance Company एक Surveyor नियुक्त करती है वो Surveyor संपत्ति का नुकसान / गाड़ी का नुकसान का Workshop की मदद से आकलन करता है और उसके आधार पर Insurance Company तीसरे पक्ष को भुगतान करती है। तीसरे पक्ष को चोट लगने की स्थिति में उसके इलाज का खर्च भी इन्शुरन्स कंपनी भुगतान करती है। यदि दुर्घटना में तीसरे पक्ष की मृत्यु हो जाती है तो मामला कोर्ट में चला जाता है और कोर्ट के Decision & Directions के हिसाब से Insurance Company मृत व्यक्ति की परिवार वालों को मुआवज़े का भुगतान करती है।

Law के हिसाब से Third Party Insurance जरूरी भी है

Third Party Insurance मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार सभी वाहन मालिकों के लिए कानून जरूरी है। यह पालिसी न होने पर एक तो Fine देना होता है और दूसरा यदि कोई एक्सीडेंट हो गया तो उसका नुकसान अपनी जेब से भरना पड़ेगा और यदि किसी की मृत्यु हो गयी तो मुआवज़े के कई लाख रूपए चुकाने में लोगों के घर बिक जाते हैं। इसलिए यदि आप किसी गाडी या वाहन के मालिक हैं तो इस इन्शुरन्स को लेना बिलकुल मत भूलना।

Motor Third Party Insurance तीसरे पक्ष को हुए नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता है। यह शारीरिक चोट, वाहन को नुकसान, संपत्ति को नुकसान और मृत्यु को Cover करता है। यह Policy इन स्थिति में Claim का भुगतान नहीं करेगी:

  • शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुआ Accident
  • यदि चालक अवयस्क अथवा कम उम्र का हो या वैध ड्राइविंग लाइसेंस के बिना ड्राइविंग करते हुए का दोषी पाया गया हो
  • जान बूझकर की गयी दुर्घटना
  • Private गाड़ी अथवा वाहन का Commercial Use करने पर

Claim कैसे करें

  • दुर्घटना होने पर लड़ाई-झगड़ा न करें
  • पुलिस को तुरंत सूचित करें और अपनी शिकायत या FIR लिखवाएं
  • दुर्घटना होने पर तुरंत Insurance Company को सूचित करे
  • Insurance Company को Policy व अन्य सभी जरूरी दस्तावेज़ दें
  • Insurance Company नुकसान का आकलन करके मुआवज़े का भुगतान कर देगी

Claim ना मिलने की स्थिति में क्या करें?

यदि Insurance Company Claim Settle करने में आनाकानी करे अथवा ज्यादा समय लगाए तो आप अपनी पालिसी में दिए गए फोन अथवा ईमेल पर इनकी शिकायत कर सकते हैं।

इस बारे में Free Legal Advise के लिए हमें कमेंट या Email कर सकते हैं।
Our Email ID is : advnaresh@gmail.com

Motor Third Party Insurance | Third Party Insurance | BlogBoard | Insurance Truth | Third Party Insurance Claim |

Must for All Personal Accident Policy (व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा)

Personal Accident Insurance मतलब व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी Insured को आकस्मिक मृत्यु, आकस्मिक शारीरिक चोट, और आंशिक अथवा कुल विकलांगता, दुर्घटना के परिणामस्वरूप स्थायी और अस्थायी अक्षमता जैसी अनिश्चितताओं के खिलाफ पूर्ण वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

मुसीबतें बता कर नहीं आती। आप सही गाडी चला रहे हों और कोई पीछे से टक्कर मार दे या अचानक आंधी-तूफ़ान में कुछ उड़ता हुआ सिर पर लग जाए कुछ पता नहीं । अचानक घर के कमाऊ सदस्य की मृत्यु अथवा विकलांग होने पर घर पर Financial Crisis आ जाता है इसीलिए Personal Accident Policy (PA Policy) लेने की सलाह दी जाती है।

Personal Accident Policy में Policy Holder की मृत्यु होने पर 100% Sum Insured Nominee को मिलता है। Permanent Total/Partial Disablement और Temporary Total Disablement जैसी स्थिति में भी यह पालिसी मुआवज़ा देती है।

Personal Accident Policy दो प्रकार की होती हैं:

पहली Individual Personal Accident Policy:
इस पालिसी को कोई भी Individual व्यक्ति ले सकता है। परिवार के अन्य सदस्यों के साथ इस पालिसी को संयुक्त रूप में भी लिया जा सकता है। Family Policy पर discount भी दिया जाता है।

दूसरी Group Accident Policy :
इस पालिसी को Companies या Employer अपने कर्मचारियों के लिए लेती हैं। ग्रुप के साइज के हिसाब से इसमें भी डिस्काउंट दिया जाता है।

किस स्थिति मेंPolicy क्या Pay करेगी
Death100% of Sum Insured
Permanent Total Disablement 100% of Sum Insured
Loss of two limbs/ Two eyes or one limb and one eye 100% of Sum Insured
Loss of one limb or one eye 50% of Sum Insured
Permanent Partial DisablementVarying % of Sum Insured as per policy
Temporary Total Disablement1 % of Capital Sum Insured per week
कृपया पालिसी लेने से पहले से इसके बारे Insurance Company से जानकारी ले लें। इसमें बदलाव हो सकता है।
किस स्थिति में Policy Pay नहीं करेगी
Disablement की स्थिति में एक ही Policy में एक से ज्यादा Claim होने परSum Insured से ज्यादा Claim नहीं मिलेगा
किसी भी स्थिति में Sum Insured से ज्यादा Claim नहीं मिलेगा
आत्महत्या अथवा नशे की स्थिति में होने वाला कोई भी नुकसानकोई Claim नहीं मिलेगा
गर्भवस्था की स्थिति में होने वाला कोई भी नुकसान कोई Claim नहीं मिलेगा
युद्ध और परमाणु से होने वाला कोई भी नुकसान कोई Claim नहीं मिलेगा
कृपया पालिसी लेने से पहले से इसके बारे Insurance Company से जानकारी ले लें। इसमें बदलाव हो सकता है।

ऊपर दिए गए Coverage and Exclusions का विवरण पूर्ण या संपूर्ण नहीं है। Company to Company इनमें अंतर हो सकता है। Policy लेने से पहले अच्छी प्रकार से Check कर लें।

Note: If you are in dispute with Insurance Company we can offer free Advise please comment us.
नोट: यदि आपका बीमा कंपनी के साथ कोई विवाद चल रहा है तो आप हमसे मुफ्त सलाह ले सकते हैं कृपया हमें टिप्पणी करें।

PA Policy | Individual Personal Accident Policy | Group Personal Accident Policy | What is PA Policy | व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा | दुर्घटना बीमा

Health Insurance खरीदने से पहले

जी हाँ अक्सर बहुत से लोग ये सवाल पूछते हैं की हमें Health Insurance या Mediclaim Policy होने पर भी कंपनी पूरे पैसे नहीं देती ऐसा क्यों?

Health Insurance Be Aware Be Smart

दोस्तों, ऐसा इसलिए होता है की कंपनी का representative या Insurance Agent हमें policy के बारे में केवल अच्छी-अच्छी बातें ही बताते हैं और कुछ बातें वो बड़ी ही चालाकी से छुपा लेते हैं और नतीजा ये होता है Claim के समय हमारा बहुत सा पैसा काट लिया जाता है।

Deduction on Insurance Claims

हमें Health Insurance या Mediclaim Policy लेते समय या Policy को renew करवाते समय कुछ सवाल कंपनी के representative या Insurance Agent से जरूर पूछने चाहिए। आइये जानते हैं उन सवालों को :

1. पहला सवाल : को-पेमेंट (Co-Payment) कितना होगा ?

को-पेमेंट (Co-Payment) राशि का वह हिस्सा होता है जिसे Policy Holder को क्लेम के समय खुद वहन करना होता है यानि की Insurance Company उसके ईलाज के बिल से कुछ परसेंट पैसा काट लेती है। मान लीजिये अस्पताल का बिल 100 रूपए आया है तो कंपनी आपको 80 रूपए ही दे या 70 रूपए ही दे। यह आपकी की पालिसी की टर्म एंड कंडीशंस पर निर्भर करता है। इस बात को Policy लेते समय या Policy को renew करवाते समय Company या Insurance Agent छुपा लेते है। हालांकि सभी ऐसा नहीं करते लेकिन ऐसा करने वालो की संख्या बहुत अधिक है। इसलिए Insurance Company ya Insurance Agent से यह सवाल कीजिये और जागरूक ग्राहक बनिए !

2. मैंने कोई क्लेम नहीं लिया मेरा NCB कितना होगा ?

यदि हम अपनी Mediclaim Policy में पूरे साल कोई क्लेम नहीं लेते तो हम NCB यानी No Claim Bonus के हक़दार हो जाते हैं। मतलब हमारे क्लेम न लेने से इन्शुरन्स कंपनी की थोड़ी सी बचत हो गयी तो हमें भी तो कुछ फायदा मिलना चाहिए। NCB के रूप में कंपनी या तो Policy Renew करवाते समय प्रीमियम पर कुछ डिस्काउंट देती है या इन्शुरन्स कंपनी हमारे Sum Insured को बढ़ा देती है। सभी Insurance Company यह डिस्काउंट पालिसी की पहले से बताई गयी शर्तो यानी Policy की Terms & Conditions के आधार पर देती है। तो अगली बार अपना No Claim Bonus लेना ना भूलें।

3. मेरा policy में वेटिंग पीरियड कितना होगा ?

सबसे जरूरी बात जिसके बारे मैं या तो हमें पता ही नहीं है या हम पूछना ही भूल जाते हैं और इन्शुरन्स एजेंट इसे जान बूझ कर छुपा लेते हैं। हर Mediclaim Policy या Health Insurance Policy में एक वेटिंग पीरियड की शर्त होती है। नयी या Fresh Policy लेने पर पहले 3o दिनों तक कंपनी कोई क्लेम नहीं देती। हाँ, क्लेम यदि दुर्घटना या Accident का है तो उस पर यह शर्त लागू नहीं होती। और 3o दिन पूरे होने के बाद भी कुछ बिमारियों का क्लेम 2 साल तक नहीं मिलता और किसी किसी बीमारी में यह 4 साल तक रहता है। दो साल का वेटिंग पीरियड जैसे Cataract, Knee Replacement, Stone आदि में होता है और चार साल का पीरियड Heart Disease, Kidney Disease, Leaver Disease आदि की बिमारियों में रहता है।

आप Insurance Company से या अपने Insurance Agent से Waiting Period के बारे में सवाल जरूर करें। Different Policies और Insurance Companies में Waiting Period में कुछ अंतर हो सकता है लेकिन Waiting Period सभी Policies में होता है।

4. क्या रूम रेंट पर कैपिंग (Room Rent Capping) होगी ? यदि हाँ तो कितनी ?

कई स्वास्थ्य बीमा योजनाओं (Health Insurance Policy or Mediclaim Policy) के तहत, जब बीमा राशि 5 लाख रुपये तक होती है, तो पॉलिसी के तहत कमरे के किराए पर सीमाएं होती हैं। यह सीमा बीमा राशि के प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है और बीमा राशि के 1% से 2% के बीच होती है। उदाहरण के लिए, यदि बीमित राशि 5 लाख रूपए है और कमरे के किराए की सीमा बीमा राशि का 1% है, तो लागू सीमा 5000 रूपए प्रति दिन होगी।

रूम रेंट पर कैपिंग कितनी? यह सवाल भी आप अपने एजेंट से जरूर पूछे।

5. आनुपातिक कटौती (Proportionate Deduction) : अब ये क्या है ?

कई अस्पतालों में इलाज के लिए चार्जेज (Treatment Charges) और डॉक्टर की फीस कमरे के प्रकार के आधार पर ली जाती है। मतलब यदि कमरा महंगा लिया जाए तो डॉक्टर की फीस भी ज्यादा, जबकि डॉक्टर वही, बीमारी वही, हॉस्पिटल वही, दवाइयां वही बस कमरा महंगा तो ईलाज भी महंगा । IRDA कुछ तो गरीबों पर रहम करो। पता नहीं यह कौन सा नियम है? मान लीजिये यदि आपको एक सुइट रूम में भर्ती कराया जाता है तो इसकी लागत सामान्य कमरे में किए गए समान उपचार की तुलना में अधिक होगी। इसलिए, चूंकि अस्पताल कमरे के किराए के आधार पर अपनी लागत की कीमत लगाते हैं, इसलिए स्वास्थ्य बीमा कंपनियां ज्यादा कमरे के किराए वाले कमरों के लिए उच्च दावों का भुगतान नहीं करना चाहती हैं, और यह तब होता है जब योजना / Policy के तहत कमरे के किराए पर सीमा होती है।

यदि आपका वास्तविक कमरे का किराया सीमा से अधिक है, तो बीमा कंपनी अस्पताल में भर्ती होने की पूरी लागत का भुगतान नहीं करती है। यह उस लागत के अनुपात में बिल को कम कर देता है जो कि यदि आपने कमरे के किराए की सीमा के भीतर उपचार लिया होता तो खर्च होता। एक उदाहरण से समझते हैं-

उदारहण :5 लाख रुपये की बीमा राशि की Policy के लिए मान लीजिये कमरे के किराए की सीमा 1% यानि 5000 रूपए है। यदि आप ऐसे कमरे में इलाज चाहते हैं जिसका किराया 6000 रुपये है और कुल अस्पताल में भर्ती होने का बिल 1.5 लाख रुपये है, तो Claim की Calculation इस प्रकार की जाएगी-

रूपए 1.5 लाख * (5000/6000) = रूपए 1.25 लाख is the Payable Amount.

इसलिए यह सवाल भी आप अपने एजेंट से जरूर पूछे और न केवल पूछे बल्कि इसे अच्छे से समझें। यदि आपका एजेंट आपको इस Concept को अच्छे से समझा देता हो तो समझो आपको एक अच्छा एजेंट मिला हुआ है और आप उस पर भरोसा कर सकते हैं।

6. अगला सवाल बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है की मेरी पालिसी में किस चीज का पैसा नहीं मिलेगा यानि Exclusions क्या हैं ?

Exclusions

Exclusions शब्द सुनने में तो बहुत ही प्यारा सा लग सकता है लेकिन क्लेम होने पर यह आपकी जेब पर भरी पड़ सकता है । देखिये दोस्तों वैसे तो Exclusions यानि किस बीमारी का पैसा आपकी पालिसी के अंतर्गत पेयबल नहीं होगा यानि वो कौनसी बीमारी हैं जिनका क्लेम कमपनी आपको नहीं देगी। ये सवाल आपके लिए जानना बहुत ही जरूरी है। इसलिए आप अपने समझदार एजेंट से यह सवाल भी आप अपने एजेंट से जरूर पूछे।

7. मुफ्त चिकित्सा जांच

जी हाँ, यह सच है, आपकी Health Insurance Policy मुफ्त चिकित्सा जांच की अनुमति देती है। हालांकि, ऐसे कई लोग हैं जो यह नहीं जानते कि इसका लाभ कैसे उठाया जाए, जबकि लोग यह समझते हैं कि इससे प्रीमियम बढ़ सकता है।

यदि किसी पालिसी में 4 वर्ष तक कोई क्लेम नहीं है तो कुछ Insurance Companies Sum Insured का एक प्रतिशत खर्च (1 % of the Sum Insured) Rs. 5000 मेडिकल टेस्ट करने के लिए देती हैं। यदि Policy Holder Policy Renew के समय Sum Insured को बढ़ाना चाहता है तो बढ़ा सकता है।Medical Tests के परिणामों का पालिसी के प्रीमियम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

इन सवालो की लिस्ट बहुत ही लम्बी है लेकिन ये कुछ ऐसे सवाल है जिनका उत्तर हेल्थ पालिसी लेते समय जानना बहुत ही जरूरी है।

For More Information, please mail: nareshkumaruiic@gmail.com

धन्यवाद् !

Questions Before Buying Health Insurance Health Insurance Questions

Secure Your Home Loan (अपने होम लोन को सुरक्षित करें )

मेरे पड़ोस में एक मिस्टर शर्मा जी किराए के मकान में रहते थे। उनका जीवन में बस एक ही सपना था की उनका अपना मकान हो। एक दिन उनका ये सपना साकार भी हो गया। उन्हें पास की ही एक सोसाइटी में २ कमरों का मकान बहुत ही अच्छे दामों पर मिल गया ।

Secure Your Home Loan

हालाँकि २० लाख रूपए का लोन बैंक से भी लेना पड़ा। पूरा परिवार बहुत खुश था और होना भी चाहिए। हमारे प्यारे भारत देश में Middle Class Family के लिए अपना मकान होना अपने आप को एक संतुष्टि देता है। पूरी जिंदगी इसे खरीदने में लग जाती है लेकिन शर्मा जी के जीवन में यह ख़ुशी जल्दी ही आ गयी।

ख़ुशी जितनी जल्दी आयी उतनी ही जल्दी चली भी गयी। हुआ यूं की एक दिन शर्मा जी अपनी स्कूटी पर अपनी धर्म पत्नी जी के साथ घर लौट रहे थे की रास्ते में स्कूटी स्लिप कर गयी और दोनों गिर गए। हालांकि दुर्घटना बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं थी लेकिन शर्मा जी को सर पर चोट लग गयी और करीब १ महीना अस्पताल में रहने के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका।

शर्मा जी की धर्म पत्नी पर तो मानो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा। एक तो पति की मृत्यु दूसरा पूरे परिवार को चलाने का खर्च। बच्चे अभी छोटे – छोटे थे। और इस पर हर महीने बैंक को दी जाने वाली लोन की किश्तें । और अगर किश्त न जमा करवाए तो बैंक घर खली करवा लेगा।

ऐसे कितने ही किस्से हमें सुनने और देखने को मिल जाते हैं और ऐसी परस्थिति में हम चाहा कर भी कुछ नहीं कर सकते। लेकिन यदि हम थोड़ी से समझदारी दिखाए तो ऐसी परिस्थिति से बचा जा सकता है। लेकिन कैसे?

देखिये जब भी हम बैंक से घर खरीदने के लिए लोन लेते है तो जब तक लोन लेने वाले द्वारा लोन का पूरा पैसे ना चुका दे तब तक बैंक का ख़रीदे गए मकान पर पूरा अधिकार होता है और बॉरोअर (लोन लेने वाला) की मृत्यु होने या लोन न चुकाने के स्थिति में बैंक उस माकन को बेच कर अपने पैसे रिकवर कर लेता है। पूरा परिवार सड़क पर आ जाता है।

अच्छा बैंक बहुत ही चालक होते हैं, यदि ख़रीदा गया मकान आंधी, तूफ़ान, बाढ़, भूकंब आदि के कारण गिर जाता है या बह जाता है तो उससे बचने के लिए बैंक उस मकान का बीमा (Insurance) तो करवा लेता है और वो भी लोन लेने वाले के ही पैसों से लेकिन यदि खरीदार की मृत्यु हो जाये तो उसके लिए बीमा नहीं करवाता। इसलिए जब भी घर के लिए लोन लें तो खरीदार अपना बीमा जरूर करवाए।

खरीदार अपना बीमा दो तरीके से करवा सकता है। एक दुर्घटना बीमा और दूसरा जीवन बीमा।

दुर्घटना बीमा (Personal Accident Insurance) : व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (Personal Accident Insurance) या पीए बीमा (PA) एक वार्षिक पॉलिसी है इसे हर साल renew करवाना होता है। यह दुर्घटना होने के कारण विकलांग होने पर या मृत्यु पर मुआवजा प्रदान करती है।

यह काम कैसे करता है : मान लीजिये किसी व्यक्ति ने २० लाख रूपए का लोन 20 वर्ष के लिए लिया है तो उस २० लाख का (Personal Accident Insurance) करवाना चाहिए। इसका प्रीमियम प्रति वर्ष करीब 1500 – 2000 रुपया तक आएगा। प्रति वर्ष इसको renew करवाने पर इतना ही प्रीमियम जायेगा। अब इन 20 वर्ष में यदि लोन लेने वाले की दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी नॉमिनी को 20 लाख रुपया एक मुश्त दे देगी और उस पैसे से बैंक का लोन चुका कर घर को बचाया जा सकता है और परिवार पर इसका बोझ भी नहीं आता। दुर्घटना का मतलब केवल रोड एक्सीडेंट नहीं है बल्कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना जैसे सीढ़ियों से गिर जाना, किसी से टकराकर मृत्यु हो जाना आदि। दुर्घटना यदि किसी नशे में या आत्महत्या (suicide) है तो यह मुआवज़ा नहीं मिलता।

जीवन बीमा : यदि लोन लेने वाले के मृत्यु किसी बीमारी से हो जाये तो ऐसी स्थिति से बचने के लिए जीवन बीमा लिया जा सकता है। टर्म इंश्योरेंस एक प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसी है जो एक निश्चित अवधि या निर्दिष्ट “अवधि” वर्षों के लिए कवरेज प्रदान करती है। यदि पॉलिसी में निर्दिष्ट समय अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और पॉलिसी सक्रिय है, या लागू है, तो मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाएगा।

यह काम कैसे करता है : टर्म इन्शुरन्स लेने पर लोन लेने वाले की मृत्यु (किसी भी बीमारी से) होने पर बीमा कंपनी एक मुश्त पैसा, जितने का बीमा लिया गया है, परिवार को दे देती है उस पैसे से बैंक का बकाया कर्ज चुकाया जा सकता है। दुर्घटना यदि किसी नशे में या आत्महत्या (suicide) है तो यह मुआवज़ा नहीं मिलता। टर्म इंश्योरेंस रेगुलर जीवन बीमा पालिसी से काफी सस्ता होता है। अपने घर और परिवार की खुशियों के लिए यह पालिसी जरूर लेनी चाहिए।

अब ये तो हुई बैंक लोन को सिक्योर करने का तरीका। लेकिन यदि अपने कोई होम लोन नहीं भी ले रखा तब भी आपको अपने घर का बीमा तो जरूर करवाना चाहिए। यह बहुत ही सस्ता बीमा होता है लेकिन विडंबना यह है की हमारे प्यारे भारत देश में इसकी जागरूकता बहुत ही काम है। देखिये, मान लीजिये यदि किसी का मकान आंधी, तूफ़ान, बाढ़, भूकंब, घर में आग लगने से नुकसान आदि किसी प्राकर्तिक आपदा से गिर जाता है या बह जाता है तो उसको दोबारा बनाने के लिए खूब सारा पैसे चाहिए। इस लिए आप घर का बीमा जरूर करवाइये। 10 लाख का घर का कर बीमा मात्र 300 रुपया प्रति वर्ष में लिया जा सकता है।

यदि आप इसके बारे में ज्यादा जानना चाहते है तो कृपया Comment करें।

Secure Your Home Loan | अपने होम लोन को सुरक्षित कैसे करें | Personal Accident Insurance| व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा | Home Insurance | Fire Insurance | Free Legal Advice | Blog Board | Blogboard