TPA in Health Insurance

Health Insurance या Mediclaim Policy में टीपीए क्या है?

कभी आपके परिवार में किसी प्रियजन कोआपातकालीन स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति का सामना करना पड़ा? हालांकि सुनने में कड़वा जरूर है, लेकिन यह हमारे जीवन की सच्चाई है। आकस्मिक घटनाओं या दुर्घटनाओं के समय जिन्हें तत्काल अस्पताल में देखभाल की आवश्यकता होती है, हम सभी चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल में दौड़ पड़ते हैं। जिनके पास Health Insurance या Mediclaim Policy है वे थोड़ी सांस ले सकते हैं लेकिन जिनके पास नहीं है उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।

हमारे पास Health Insurance या Mediclaim Policy खरीदने के लिए बीमा कंपनियां हैं। लेकिन हमारे पास स्वास्थ्य बीमा दावों से संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए एक TPA यानी Third Party Administrator है। जैसे ही किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, उसकी सूचना TPA को दी जाती है।

यह TPA क्या है?

TPA Insurance Companies और Policy Holders के बीच एक Mediator है। उनका काम स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के तहत दावा प्रक्रिया को सरल बनाना है।

TPA or Third Party Administrator एक Company or Service Provider है जो Health Insurance या Mediclaim Policy के तहत स्वीकार्य Insurance Claims को Process करता है। सामान्य तौर पर, ये TPA बीमा नियामक IRDAI द्वारा लाइसेंस होते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में, Insurance Companies की संख्या, Insurance Policies, Mediclaim Policies और Clients में काफी अनुपात में वृद्धि हुई है। अंततः, काम का Track रखना मुश्किल हो गया जिसके परिणामस्वरूप Services अच्छी नहीं मिल रहीं। इसलिए, IRDA TPA के साथ आया। तब से, एक TPA को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है जो Insurance Companies के साथ मिलकर Clients को High Quality and बड़े पैमाने पर Claims Processing Services देते हैं।

Importance of a TPA

एक TPA अस्पताल के बिलों और अन्य खर्चों का ध्यान रखेगा। जब आप परिवार के किसी सदस्य या मित्र की बीमारी से परेशान हैं, तो आप बस उनकी देखभाल कर सकते हैं। शेष TPA द्वारा Take Care किया जाएगा।

प्रत्येक बीमा कंपनी आपकी सेवा के लिए एक TPA नियुक्त करती है। एक TPA या तो Cashless Claim Settlement को मंजूरी दे सकता है या बाद में इसकी Reimbursement कर सकता है।

TPA के मुख्य कार्य

TPA बीमित व्यक्ति को Health Card जारी करता है और Policy Holder को जारी की गई प्रत्येक पॉलिसी को Verify करता है। TPA Health Card भी जारी करता है । इस कार्ड में Policy Number और TPA का विवरण होता है जिसे Hospital में प्रवेश के समय, Policy Holder इस कार्ड को Hospital को प्रस्तुत कर सकता है और Insurance Company या TPA को Claim होने की सूचना दे सकता है। यह Claim Processing के लिए आवश्यक दस्तावेजों में से एक है।

Cashless Claim Processing

TPA Policy Holder द्वारा सूचित किए जाने के तुरंत बाद Claim में तेजी लाने के लिए जिम्मेदार होता है। उनका काम दावे के पक्ष में जमा किए गए सभी Documents की जांच करना है। यह विवरणों को Cross Check करने के लिए जितनी आवश्यक हो उतनी जानकारी मांग सकता है। दावे का निपटान या तो कैशलेस या प्रतिपूर्ति के आधार पर होगा।

जो भी मामला हो, एक टीपीए सभी Documents की जांच के लिए उत्तरदायी होगा। Cashless के मामले में, TPA Hospital से भी Documents Collect or Verify कर सकता है। अन्य मामलों में, TPA Policy Holder से Additional Documentsऔर Original Bill मांग सकता है।

Helpline Facility

सभी Policy Holder अपने TPA को कॉल करने के Claims के लिए जानकारी और अन्य Helps प्राप्त कर सकते हैं। यह Facility Policy Holder के लिए 24X7 उपलब्ध है और इसे भारत में कहीं से भी कॉल किया जा सकता है। Policy Holder अपने Claims की स्थिति टोल-फ्री नंबर के माध्यम से भी जान सकते हैं।

Maintaining of Database

TPA Clients Database को बनाए रखने में भी मदद करता है। पॉलिसी जारी होने के बाद, सभी Policy Documents को TPA को स्थानांतरित कर दिया जाता है और Policy Holder के सभी Communications TPA के साथ होते हैं, Insurance Company के साथ नहीं। TPA Policy Holder के Policy Documents को Maintain करता है और विशिष्ट पहचान संख्या के साथ एक पहचान पत्र or Health Card जारी करता है।

TPA Hospital Network को भी मजबूत करता है

Mediclaim Policy का लाभ लेने के लिए TPA बहुत ही आवश्यक है। यह Hospitals का एक मजबूत Network भी बनाता है जहां Policy Holders इलाज करवा सकते हैं। TPA सबसे अच्छे Hospitals को सूचीबद्ध करने की कोशिश करता है जो जल्दी से Cashless की Facility दे सकते हैं।


ऐसे ही अन्य जानकारियों के लिए, Health Policy लेने के लिए आप हमें Comments कर सकते हैं, Email कर सकते हैं (nareshkumaruiic@gmail.com).

Secure Your Home Loan (अपने होम लोन को सुरक्षित करें )

मेरे पड़ोस में एक मिस्टर शर्मा जी किराए के मकान में रहते थे। उनका जीवन में बस एक ही सपना था की उनका अपना मकान हो। एक दिन उनका ये सपना साकार भी हो गया। उन्हें पास की ही एक सोसाइटी में २ कमरों का मकान बहुत ही अच्छे दामों पर मिल गया ।

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हालाँकि २० लाख रूपए का लोन बैंक से भी लेना पड़ा। पूरा परिवार बहुत खुश था और होना भी चाहिए। हमारे प्यारे भारत देश में Middle Class Family के लिए अपना मकान होना अपने आप को एक संतुष्टि देता है। पूरी जिंदगी इसे खरीदने में लग जाती है लेकिन शर्मा जी के जीवन में यह ख़ुशी जल्दी ही आ गयी।

ख़ुशी जितनी जल्दी आयी उतनी ही जल्दी चली भी गयी। हुआ यूं की एक दिन शर्मा जी अपनी स्कूटी पर अपनी धर्म पत्नी जी के साथ घर लौट रहे थे की रास्ते में स्कूटी स्लिप कर गयी और दोनों गिर गए। हालांकि दुर्घटना बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं थी लेकिन शर्मा जी को सर पर चोट लग गयी और करीब १ महीना अस्पताल में रहने के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका।

शर्मा जी की धर्म पत्नी पर तो मानो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा। एक तो पति की मृत्यु दूसरा पूरे परिवार को चलाने का खर्च। बच्चे अभी छोटे – छोटे थे। और इस पर हर महीने बैंक को दी जाने वाली लोन की किश्तें । और अगर किश्त न जमा करवाए तो बैंक घर खली करवा लेगा।

ऐसे कितने ही किस्से हमें सुनने और देखने को मिल जाते हैं और ऐसी परस्थिति में हम चाहा कर भी कुछ नहीं कर सकते। लेकिन यदि हम थोड़ी से समझदारी दिखाए तो ऐसी परिस्थिति से बचा जा सकता है। लेकिन कैसे?

देखिये जब भी हम बैंक से घर खरीदने के लिए लोन लेते है तो जब तक लोन लेने वाले द्वारा लोन का पूरा पैसे ना चुका दे तब तक बैंक का ख़रीदे गए मकान पर पूरा अधिकार होता है और बॉरोअर (लोन लेने वाला) की मृत्यु होने या लोन न चुकाने के स्थिति में बैंक उस माकन को बेच कर अपने पैसे रिकवर कर लेता है। पूरा परिवार सड़क पर आ जाता है।

अच्छा बैंक बहुत ही चालक होते हैं, यदि ख़रीदा गया मकान आंधी, तूफ़ान, बाढ़, भूकंब आदि के कारण गिर जाता है या बह जाता है तो उससे बचने के लिए बैंक उस मकान का बीमा (Insurance) तो करवा लेता है और वो भी लोन लेने वाले के ही पैसों से लेकिन यदि खरीदार की मृत्यु हो जाये तो उसके लिए बीमा नहीं करवाता। इसलिए जब भी घर के लिए लोन लें तो खरीदार अपना बीमा जरूर करवाए।

खरीदार अपना बीमा दो तरीके से करवा सकता है। एक दुर्घटना बीमा और दूसरा जीवन बीमा।

दुर्घटना बीमा (Personal Accident Insurance) : व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (Personal Accident Insurance) या पीए बीमा (PA) एक वार्षिक पॉलिसी है इसे हर साल renew करवाना होता है। यह दुर्घटना होने के कारण विकलांग होने पर या मृत्यु पर मुआवजा प्रदान करती है।

यह काम कैसे करता है : मान लीजिये किसी व्यक्ति ने २० लाख रूपए का लोन 20 वर्ष के लिए लिया है तो उस २० लाख का (Personal Accident Insurance) करवाना चाहिए। इसका प्रीमियम प्रति वर्ष करीब 1500 – 2000 रुपया तक आएगा। प्रति वर्ष इसको renew करवाने पर इतना ही प्रीमियम जायेगा। अब इन 20 वर्ष में यदि लोन लेने वाले की दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी नॉमिनी को 20 लाख रुपया एक मुश्त दे देगी और उस पैसे से बैंक का लोन चुका कर घर को बचाया जा सकता है और परिवार पर इसका बोझ भी नहीं आता। दुर्घटना का मतलब केवल रोड एक्सीडेंट नहीं है बल्कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना जैसे सीढ़ियों से गिर जाना, किसी से टकराकर मृत्यु हो जाना आदि। दुर्घटना यदि किसी नशे में या आत्महत्या (suicide) है तो यह मुआवज़ा नहीं मिलता।

जीवन बीमा : यदि लोन लेने वाले के मृत्यु किसी बीमारी से हो जाये तो ऐसी स्थिति से बचने के लिए जीवन बीमा लिया जा सकता है। टर्म इंश्योरेंस एक प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसी है जो एक निश्चित अवधि या निर्दिष्ट “अवधि” वर्षों के लिए कवरेज प्रदान करती है। यदि पॉलिसी में निर्दिष्ट समय अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और पॉलिसी सक्रिय है, या लागू है, तो मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाएगा।

यह काम कैसे करता है : टर्म इन्शुरन्स लेने पर लोन लेने वाले की मृत्यु (किसी भी बीमारी से) होने पर बीमा कंपनी एक मुश्त पैसा, जितने का बीमा लिया गया है, परिवार को दे देती है उस पैसे से बैंक का बकाया कर्ज चुकाया जा सकता है। दुर्घटना यदि किसी नशे में या आत्महत्या (suicide) है तो यह मुआवज़ा नहीं मिलता। टर्म इंश्योरेंस रेगुलर जीवन बीमा पालिसी से काफी सस्ता होता है। अपने घर और परिवार की खुशियों के लिए यह पालिसी जरूर लेनी चाहिए।

अब ये तो हुई बैंक लोन को सिक्योर करने का तरीका। लेकिन यदि अपने कोई होम लोन नहीं भी ले रखा तब भी आपको अपने घर का बीमा तो जरूर करवाना चाहिए। यह बहुत ही सस्ता बीमा होता है लेकिन विडंबना यह है की हमारे प्यारे भारत देश में इसकी जागरूकता बहुत ही काम है। देखिये, मान लीजिये यदि किसी का मकान आंधी, तूफ़ान, बाढ़, भूकंब, घर में आग लगने से नुकसान आदि किसी प्राकर्तिक आपदा से गिर जाता है या बह जाता है तो उसको दोबारा बनाने के लिए खूब सारा पैसे चाहिए। इस लिए आप घर का बीमा जरूर करवाइये। 10 लाख का घर का कर बीमा मात्र 300 रुपया प्रति वर्ष में लिया जा सकता है।

यदि आप इसके बारे में ज्यादा जानना चाहते है तो कृपया Comment करें।

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