मेरे पड़ोस में एक मिस्टर शर्मा जी किराए के मकान में रहते थे। उनका जीवन में बस एक ही सपना था की उनका अपना मकान हो। एक दिन उनका ये सपना साकार भी हो गया। उन्हें पास की ही एक सोसाइटी में २ कमरों का मकान बहुत ही अच्छे दामों पर मिल गया ।

हालाँकि २० लाख रूपए का लोन बैंक से भी लेना पड़ा। पूरा परिवार बहुत खुश था और होना भी चाहिए। हमारे प्यारे भारत देश में Middle Class Family के लिए अपना मकान होना अपने आप को एक संतुष्टि देता है। पूरी जिंदगी इसे खरीदने में लग जाती है लेकिन शर्मा जी के जीवन में यह ख़ुशी जल्दी ही आ गयी।
ख़ुशी जितनी जल्दी आयी उतनी ही जल्दी चली भी गयी। हुआ यूं की एक दिन शर्मा जी अपनी स्कूटी पर अपनी धर्म पत्नी जी के साथ घर लौट रहे थे की रास्ते में स्कूटी स्लिप कर गयी और दोनों गिर गए। हालांकि दुर्घटना बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं थी लेकिन शर्मा जी को सर पर चोट लग गयी और करीब १ महीना अस्पताल में रहने के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका।
शर्मा जी की धर्म पत्नी पर तो मानो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा। एक तो पति की मृत्यु दूसरा पूरे परिवार को चलाने का खर्च। बच्चे अभी छोटे – छोटे थे। और इस पर हर महीने बैंक को दी जाने वाली लोन की किश्तें । और अगर किश्त न जमा करवाए तो बैंक घर खली करवा लेगा।
ऐसे कितने ही किस्से हमें सुनने और देखने को मिल जाते हैं और ऐसी परस्थिति में हम चाहा कर भी कुछ नहीं कर सकते। लेकिन यदि हम थोड़ी से समझदारी दिखाए तो ऐसी परिस्थिति से बचा जा सकता है। लेकिन कैसे?
देखिये जब भी हम बैंक से घर खरीदने के लिए लोन लेते है तो जब तक लोन लेने वाले द्वारा लोन का पूरा पैसे ना चुका दे तब तक बैंक का ख़रीदे गए मकान पर पूरा अधिकार होता है और बॉरोअर (लोन लेने वाला) की मृत्यु होने या लोन न चुकाने के स्थिति में बैंक उस माकन को बेच कर अपने पैसे रिकवर कर लेता है। पूरा परिवार सड़क पर आ जाता है।
अच्छा बैंक बहुत ही चालक होते हैं, यदि ख़रीदा गया मकान आंधी, तूफ़ान, बाढ़, भूकंब आदि के कारण गिर जाता है या बह जाता है तो उससे बचने के लिए बैंक उस मकान का बीमा (Insurance) तो करवा लेता है और वो भी लोन लेने वाले के ही पैसों से लेकिन यदि खरीदार की मृत्यु हो जाये तो उसके लिए बीमा नहीं करवाता। इसलिए जब भी घर के लिए लोन लें तो खरीदार अपना बीमा जरूर करवाए।
खरीदार अपना बीमा दो तरीके से करवा सकता है। एक दुर्घटना बीमा और दूसरा जीवन बीमा।
दुर्घटना बीमा (Personal Accident Insurance) : व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (Personal Accident Insurance) या पीए बीमा (PA) एक वार्षिक पॉलिसी है इसे हर साल renew करवाना होता है। यह दुर्घटना होने के कारण विकलांग होने पर या मृत्यु पर मुआवजा प्रदान करती है।
यह काम कैसे करता है : मान लीजिये किसी व्यक्ति ने २० लाख रूपए का लोन 20 वर्ष के लिए लिया है तो उस २० लाख का (Personal Accident Insurance) करवाना चाहिए। इसका प्रीमियम प्रति वर्ष करीब 1500 – 2000 रुपया तक आएगा। प्रति वर्ष इसको renew करवाने पर इतना ही प्रीमियम जायेगा। अब इन 20 वर्ष में यदि लोन लेने वाले की दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी नॉमिनी को 20 लाख रुपया एक मुश्त दे देगी और उस पैसे से बैंक का लोन चुका कर घर को बचाया जा सकता है और परिवार पर इसका बोझ भी नहीं आता। दुर्घटना का मतलब केवल रोड एक्सीडेंट नहीं है बल्कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना जैसे सीढ़ियों से गिर जाना, किसी से टकराकर मृत्यु हो जाना आदि। दुर्घटना यदि किसी नशे में या आत्महत्या (suicide) है तो यह मुआवज़ा नहीं मिलता।
जीवन बीमा : यदि लोन लेने वाले के मृत्यु किसी बीमारी से हो जाये तो ऐसी स्थिति से बचने के लिए जीवन बीमा लिया जा सकता है। टर्म इंश्योरेंस एक प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसी है जो एक निश्चित अवधि या निर्दिष्ट “अवधि” वर्षों के लिए कवरेज प्रदान करती है। यदि पॉलिसी में निर्दिष्ट समय अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और पॉलिसी सक्रिय है, या लागू है, तो मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाएगा।
यह काम कैसे करता है : टर्म इन्शुरन्स लेने पर लोन लेने वाले की मृत्यु (किसी भी बीमारी से) होने पर बीमा कंपनी एक मुश्त पैसा, जितने का बीमा लिया गया है, परिवार को दे देती है उस पैसे से बैंक का बकाया कर्ज चुकाया जा सकता है। दुर्घटना यदि किसी नशे में या आत्महत्या (suicide) है तो यह मुआवज़ा नहीं मिलता। टर्म इंश्योरेंस रेगुलर जीवन बीमा पालिसी से काफी सस्ता होता है। अपने घर और परिवार की खुशियों के लिए यह पालिसी जरूर लेनी चाहिए।
अब ये तो हुई बैंक लोन को सिक्योर करने का तरीका। लेकिन यदि अपने कोई होम लोन नहीं भी ले रखा तब भी आपको अपने घर का बीमा तो जरूर करवाना चाहिए। यह बहुत ही सस्ता बीमा होता है लेकिन विडंबना यह है की हमारे प्यारे भारत देश में इसकी जागरूकता बहुत ही काम है। देखिये, मान लीजिये यदि किसी का मकान आंधी, तूफ़ान, बाढ़, भूकंब, घर में आग लगने से नुकसान आदि किसी प्राकर्तिक आपदा से गिर जाता है या बह जाता है तो उसको दोबारा बनाने के लिए खूब सारा पैसे चाहिए। इस लिए आप घर का बीमा जरूर करवाइये। 10 लाख का घर का कर बीमा मात्र 300 रुपया प्रति वर्ष में लिया जा सकता है।
यदि आप इसके बारे में ज्यादा जानना चाहते है तो कृपया Comment करें।
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